रिपोर्टर/अमित कुमार
चहनियां मानव जीवन को सार्थक बनाने व दूसरे को नया जीवन दान देना हर मानव का धर्म व कर्म होता है। जैसे हम अपना पूरा जीवन खुशी पूर्वक बिताया और जाते वक्त व खुशिया दूसरे को दान कर उसके जीवन को सार्थक बनाना ही मानव जीवन का सबसे बड़ा कर्तव्य है। ‘‘जिते जी रक्दान व मृत्योपरान्त नेत्रदान’’ कर समाज को नई दशा व दिशा प्रदान की जा सकती है। उक्त बाते 38वें नेत्रदान पखवारा के तहत चहनियां स्थित ज्योति नेत्र चिकित्सालय पर लोगों को जागरूक करते हुए नेत्र सर्जन डा0 संजय त्रिपाठी ने कही।
सरकार द्वारा चलाई जा रही 38वें नेत्रदान पखवाड़ा के तहत जयोति नेत्रालय में डा0 संजय त्रिपाठी व विवेक सिंह सिंह द्वारा लोगों को मानव जीवन के त्याग की परिभाषा को परिभाषित करते हुए बताया कि आप सभी अपने जीवन को जीते हुए दूसरे के जीवन को सुरक्षित कर अपना मानव धर्म पूरा करे जीते जी रक्त दान व मृत्योपरान्त नेत्र दान करने से समाज में लोगो को जीवन व नेत्रहीनों को उजाला प्रदान किया जा सकता है।
इस दौरान सारनाथ सिंह, विजयशंकर चौबे, मोहित राम, संजय मिश्रा, पूजा शर्मा, दीपक, धीरज पाण्डेय सहित सैकड़ो लोग उपस्थित रहे।
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