रिपोर्टर/अमित कुमार
चंदौली सदर ब्लॉक के नरसिंहपुर गांव के सौरभ का पैरा कमांडो चयन होने से परिवार में खुशी का माहौल व्याप्त है। बता दें कि गांव में आजादी के बाद फोर्स में पहली पोस्टिंग की खबर सुनते ही परिवार सहित गांव के लोग झूम उठे। वही जिस मुकाम पर सौरभ पहुंचा है उसका सारा श्रेय अपने परिवार व गांव को दे रहा है।
नरसिंहपुर निवासी पतरू विश्वकर्मा का इकलौता पुत्र सौरभ विश्वकर्मा अपने पहले प्रयास में ही पैरा कमांडो में चयन हो गया। सौरभ विश्वकर्मा के पिता क्षेत्र में बढ़ई का काम करते हैं। जिनकी तीन बेटियां वह एक बेटा था। वही बेटा का सपना बचपन से ही फोर्स में जाने की तैयारी थी। लेकिन घर में गरीबी रहने के कारण पिता का हाथ भी बंटाता था। और समय मिलने पर बचपन का सपना की तैयारी भी करता था। जो 19 वर्ष की उम्र में सौरभ अग्नि वीर में चयन हुआ। जब अग्नि वीर के ट्रेनिंग के दौरान सौरभ को अधिकारियों ने उसके कौशल प्रदर्शन को देखा तो उसे अग्नि वीर के ट्रेनिंग से निकाल कर पैरा कमांडो में चयन कर दिया। जैसे ही चयन की खबर सौरभ को पता चला तो तुरंत परिवार वालों को फोन करके बताया।
सौरभ बताया कि अब मुझे असम में पैरा कमांडो के ट्रेनिंग के लिए जाना है। अभी तो इस बाज की असली उड़ान बाकी है, गांव वाले मुझे काफी सपोर्ट किये । मैं अपनी सफलता का श्रेय परिवार व गांव को देना चाहता हूं। क्योंकि चुनौतियों के बीच उन्होंने मुझे आगे बढ़ने का मौका दिया। वही पिता ने सौरभ को आशीर्वाद दिया। जब सौरभ के पिता गांव के लोगों को बताया तो गांव के लोग खुश हो गए।
गांव के लोगों ने बताया सौरभ विश्वकर्मा की मां पढ़ी-लिखी नहीं है। जबकि पिता महज आठवीं पास है। सौरभ विश्वकर्मा बेहद गरीब परिवार का लड़का रहा, जिसके पिता कारपेंटर का काम करके परिवार का जीवन यापन करते थे। सौरभ के अंदर बचपन से ही देश सेवा का जुनून रहा, और इस दिशा में उसने लगातार मेहनत करके गांव का नाम रोशन करने का काम किया है। आजादी के बाद इस गांव में कोई भी फोर्स में नहीं था। वही सौरभ को चयन होने से गांव के लोग बहुत खुश है।
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