रिपोर्टर/अमित कुमार सकलडीहा ग्रामीण उपकेंद्र से संचालित बिजली इस समय बद से बदतर स्थिति में पहुँच चुकी है।18 घंटा आपूर्ति का वादा हवाहवाई साबित होने लगा है।आधी रात की कटौती लोगों के नीद में बाधक बन गयी है।यहीं हाल रहा तो आगामी लोक सभा चुनाव में विद्युत कटौती बड़ा मुद्दा बन सकता है।वही बारिश के अभाव में किसान भी पूरी तरह से सिचाई के लिए बिजली पर ही आधारित हो गए है।इस अघोषित कटौती से ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है।
आपको बता दे कि स्थानीय ग्रामीण उपकेंद्र से संचालित पांच फीडर सकलडीहा सेकेंड, कुछमन,नोनार कमालपुर व चहनियां है।इन फीडरों से सैकड़ो गांवो के लाखो उपभोक्ताओं के यहा विद्युत आपूर्ति की जाती है।लेकिन विडंबना यह है कि इनदिनों इनको महज 5 से 6 घंटे ही विद्युत आपूर्ति की जा रही है।वह भी बार-बार ट्रिप कर जा रही है।सबसे अधिक परेशानी तो रात में ग्रामीणो को झेलनी पड़ रही है।रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक अनगिनत बार ट्रिपिग की समस्या का लोग दंश झेल रहे है।विद्युत कटौती से उमसभरी गर्मी में दिन का चैन व रात की नींद गायब है।लोगों को 15 वर्ष पूर्व की याद यह कटौती ताजा कर रही है।वहीं दूसरी ओर बारिश के अभाव में धान की फसल की सिचाई भी कटौती से प्रभावित है।लोगो का कहना है कि बिजली विभाग केवल राजस्व वसूली के लिए लोगो को तमाम तरह के दबाव बनाता है।परंतु बिजली कटौती पर कोई बोलने को तैयार नही है।लोगो ने स्थानीय सांसद व केंद्रीय मंत्री डॉ. महेन्द्रनाथ पाण्डेय से समस्या से निजात दिलाने की मांग किया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें